दुर्गा सप्तशती के चमत्कारी मंत्र
माँ दुर्गा की महिमा का पान कराने वाली किताब
दुर्गा सप्तशती माँ के भक्तो के लिए ज्ञान गंगा के समान है | इस किताब के अंत में माँ दुर्गा के २० से ज्यादा चमत्कारी मंत्र अलग अलग प्रयोजन के लिए दिए गये है | इस मंत्रो के जाप से आप हर तरह की प्रसन्नता पा सकते है | आइये कुछ मुख्य मंत्र इस किताब से जाने |
आपत्त्ति से निकलने के लिए
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तु ते ॥
भय का नाश करने के लिए
सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते ।
भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो स्तु ते ॥
पढ़े :
माँ दुर्गा के नौ रूप की महिमा
जीवन के पापो को नाश करने के लिए
हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् ।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव ॥
बीमारी महामारी से बचाव के लिए
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥
पुत्र रत्न प्राप्त करने के लिए
देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ॥
इच्छित फल प्राप्ति
एवं देव्या वरं लब्ध्वा सुरथः क्षत्रियर्षभः
महामारी के नाश के लिए
जयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमो स्तु ते ॥
शक्ति और बल प्राप्ति के लिये
सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।
गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तु ते ॥
इच्छित पति प्राप्ति के लिये
ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि ।
नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः ॥
इच्छित पत्नी प्राप्ति के लिये
पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ॥
निचे दिए गये लिंकों में आप जानेंगे नवरात्रि से जुडी विशेष बाते :
सभी देवताओ की पूजा माँ दुर्गा की पूजा से
क्या होते है नवरात्रे
कैसे होती है नवरात्रों में कलश स्थापना
साल में कब कब आते है नवरात्रे
क्या करे क्या ना करे नवरात्रों में
माँ दुर्गा के 9 रूप और उनकी महिमा
दुर्गा सप्तशती के अध्याय :
मधु कैटभ वध
महिषासुर वध कथा
धूम्रलोचन वध
चण्ड मुण्ड वध
रक्तबीज वध की कहानी
निशुम्भ शुम्भ वध