माँ की मूरत मिट्टी , अष्ट धातु , सोना या चाँदी की बनवाए जिसमे दुर्गा माँ सिंह के कंधे पर सवार हो | माँ के अष्ट भुजाये हो जिसमे माँ ने क्रमशः गदा , खडग , त्रिशूल , बाण , धनुष , कमल ,खेट (ढाल), और मुद्गर धारण करवाए | इस मूरत के मस्तक पर चंद्रमा का चिन्ह हो , उसके त्रिनेत्र हो |
माँ को लाल वस्त्र पहनाये | माँ के महिषासुर का वध करने का भी इसमे रूप हो |
इस तरह की मूरत बनवाकर नियम पूर्वक प्रतिदिन पूजा करने से माँ शीघ्र प्रसन्न होती है|